करोड की भूमि को पंचायत सचिव पारस राजवाड़े ने अपने साले के नाम पर रजिस्ट्री करा दिया…
सौरव द्विवेदी
सूरजपुर. जमीन & भूमि की फर्जीवाड़ा का चर्चित पंचायत सचिव को पुलिस ने उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया है कई आरोपी अभी भी फरार है । पूरा मामला ग्राम डुमरिया का है जहा के निवासी सुक्रिन दास व 1 अन्य व्यक्ति ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इनके बाबा स्व. शिवा पिता मोहिता के हिस्से की जमीन जो कि ग्राम डुमरिया मुख्य मार्ग पर खसरा नंबर 356, 357/2 है जिसे चचेरे भाई रामवृक्ष देवांगन ने रोजगार सहायक लोकनाथ, पंचायत सचिव पारस राजवाड़े व अन्य के साथ मिलकर मृतक शिवा जिसकी मृत्यु वर्ष 1989 में चिरमिरी के गोदरीपारा में हुई थी उसकी मृत्यु को फर्जी दस्तावेज मृत्यु प्रमाण पत्र, फर्जी वसीयतनामा तैयार कर कूटरचना कर पारस राजवाड़े, रामवृक्ष, लोकनाथ व अन्य के द्वारा वर्ष 2008 में मृतक शिवा की फर्जी वसीयत रामवृक्ष के पक्ष में निष्पादित कर वर्ष 2008 में ही वसीयतनामा बनवाकर एवं वर्ष 2008 में ही मृतक शिवा की मृत्यु होने का दस्तावेज तैयार करवाकर डुमरिया स्थित जमीन जिसकी बाजारू कीमत वर्तमान में एक करोड रुपए से ऊपर की है जिसे पंचायत सचिव पारस राजवाड़े के द्वारा अपने साले के नाम पर रजिस्ट्री करा दिया गया था। जिस पर धारा 420, 467, 468, 471, 120(बी) 34 भादसं. का अपराध घटित करना पाये जाने पर थाना सूरजपुर में आरोपियों के विरुद्ध अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। और आखिरकार पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर दबिश देकर आरोपी रामवृक्ष देवांगन पिता स्व. सूरजनाथ देवांगन उम्र 65 वर्ष ग्राम डुमरिया, रोजगार सहायक लोकनाथ राजवाड़े पिता हुलास राम 31 वर्ष ग्राम डुमरिया एवं पंचायत सचिव पारसनाथ राजवाड़े पिता स्व. रूदन राम राजवाड़े 48 वर्ष निवासी मिश्रा गली सूरजपुर को पकड़ा। पूछताछ पर आरोपियों ने धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है आरोपियों के निशानदेही पर फर्जी वसीयतनामा व फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जप्त कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में अन्य आरोपी फरार है जिनकी पतासाजी की जा रही है। कार्यवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शोभराज अग्रवाल, सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एएसआई अरूण गुप्ता, प्रधान आरक्षक मोहम्मद तालिब शेख, प्रधान आरक्षक इशित बेहतरा, जयप्रकाश तिवारी, आरक्षक लक्ष्मी नारायण मिर्रे सक्रिय रहे।
बर्खास्त करने की मांग…
जब एसे पंचायत सचिव,रोजगार सहायक और सरपच होगे तो गाँव का क्या हाल होगा.? अनुमान लगाया जा सकता है ग्रामीणों ने इस पुरे मामले में पंचायत सचिव सहित रोजगार सहायक को बर्खास्त करने की मांग की है. पुरे मामले को दबा दिया गया था, शिकायत हुए काफी दिन हो चूका था लेकिन नेताओ के दबाव में पुलिस दबी रही अलबत्ता सत्ता बदलते ही पुलिस ने उक्त मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है फ़िलहाल कई आरोपी अभी भी फरार है.?