सौरभ द्विवेदी
उदयपुर. आदिवासी दिवस पर उदयपुर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के लोगों ने संयुक्त आदिवासी समाज के बैनर तले अपनी संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों को प्रदर्शित किया।आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी नृत्य, संगीत और गायन की प्रस्तुतियाँ दी गईं। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने वाले गीत पर सलका विद्यालय की बालिकाओं प्रस्तुतियाँ देकर सबका मन मोह लिया|कार्यक्रम की शुरुआत जनपद कार्यालय के समीप शहीद वीर नारायण चौक पर स्थापित शहीद वीर नारायण की छायाचित्र पर माल्यार्पण और धूप दीप प्रज्जवलित कर किया और बाजे गाजे के साथ नृत्य करते हुए रैली निकाली गई। उक्त रैली बस स्टैंड उदयपुर, सेंटल बैंक चौक, बाजार रोड से होते हुए कार्यक्रम स्थल रामगढ़ शेड पर पहुंचा, विभिन्न समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा कर रैली का स्वागत किया। रामगढ़ शेड में समाज के वीर योद्धाओं शहीदों और पूर्वजों को याद कर कार्यक्रम शुरू किया, सर्वप्रथम संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर शपथ भी ली गई। आयोजन में विभिन्न वक्ताओं ने संविधान, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, आरक्षण तथा अन्य विषयों पर व्याख्यान दिया। आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की गई है। उन्होंने सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा की मांग की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बीएमओ बृजमोहन कामरे ने शिरकत की और आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों को उनके अधिकारों और सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के लोगों को एक मंच प्रदान करना था, जहां वे अपनी संस्कृति, परंपराओं और समस्याओं को साझा कर सकें। कार्यक्रम में अध्यक्ष नरहरी सिंह पैकरा, संरक्षक नवल सिंह वरकड़े, पी आर तिर्की,बी बी राम, रोहित सिंह टेकाम, कोषाध्यक्ष विजय सिंह कोर्राम, सचिव अनिल सिंह टोप्पो, देवसिंह करियाम, गोविंद सिंह वरकड़े, डॉ बी एम कामरे बलराम नेटी चन्द्रभान सोरी,भोजवंती सिंह जनपद अध्यक्ष, रैमुनिया करियाम जनपद सदस्य, ललीता सिंह टेकाम सरपंच रामनगर, समल अर्मो, श्रवण सिंह वरकड़े, रामलखन कोर्राम, प्रदीप मरकाम, सतपाल सिंह कंवर, समयलाल पंडो, गणेश्वर सिंह, रामजीत, चंद्रभान,नंदा राम, मनोहर सिंह, दुलारी सिंह महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष, जगेश्वरी सहित हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष उपस्थित रहे।