आदर्श आचार संहिता की गाइड लॉइन्स का पालन नहीं करने वालो पर FIR दर्ज कर होगी कार्यवाही…

सौरभ द्विवेदी

सूरजपुर. निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से सम्बन्धित झंडिया लगाई जाती है, जिसके कारण शासकीय अशासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। आचार संहिता प्रभावशील होने के पश्चात छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानानुसार कोई भी व्यक्ति जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुमनि से जो एक हजार रूपया तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, सम्पत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी। इसलिए  उक्त अधिनियम  के प्रावधानों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करने  के लिए एवं प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा जारी किए गए हैं। इस सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा भवन स्वामी या निजी संपत्ति के स्वामी की सहमति के बिना भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो ऐसे कृत्यों के निवारण के लिये एक टीम तत्काल प्रभाव से गठित की जायेगी और सम्पत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरुद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी।यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा । इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा। इसके अलावा थाना प्रभारियों द्वार सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ. आई.आर. दर्ज की जायेगी।