उपलब्धियों के नाम रहा 3 वर्ष का कार्यकाल..
भाजपा जिला अध्यक्ष रामकृपाल साहू हर चुनौतियों का सामना करते हासिल की निर्विवाद सफलता
सूरजपुर -एक आम कार्यकर्ता से जिला अध्यक्ष तक के सफर में तमाम चुनौतियों के बीच भाजपा जिला अध्यक्ष के रूप में रामकृपाल साहू ने 3 दिसंबर को अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया हैं ।यह अनेक मायनों में महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि उनके नेतृत्व में भाजपा सूरजपुर जिले में ना केवल मजबूत हुई है बल्कि संगठन के मामले में जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर के सोपानों को छुआ है।इनमे दिलचस्प पहलू यह है कि बीना किसी तामझाम से दूर एक आम कार्यकर्ता के रूप में सादगी के साथ लोगो से आत्मीयता से मिलना और उनके हर सुख दुख में शमील होते हुए कभी स्कूटी तो कभी किसी कार्यकर्ता के वाहन में बैठकर घुल-मिल कर रहने की शैली एक अलग पहचान स्थापित खुद ब खुद हूई और अपने तीसरे वर्ष का कार्यकाल निर्विवाद रुप से पूरी करने और राजनीतक जीवन के यात्रा इनकी संघर्षों से भरी पड़ी है ।श्री साहू का भाजपा जिला अध्यक्ष बनना अपने आप में इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा कि वह जमीन की स्तर से उठकर जिला अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे उन्होंने कई मिथक भी तोड़े और आर एस एस पृष्ठभूमि वाले मध्यम वर्गीय परिवार से जुड़े रहने की वजह से काफी कम उम्र से एक आम कार्यकर्ता के रूप में उन्हे मिले हर दायित्व को पूर्ण इन्होंने किया है ।एक चर्चा के दौरान जब उनसे राजनीतक जीवन के बारे में पूछा गया तो श्री साहू ने बताया कि उन्हें इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी उनके पिता जीवन के हर संघर्षों के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता थे और बचपन से संघ की विचारधारा परिवार में होने के वजह से काफी कम उम्र लगभग 18से 19 वर्ष की उम्र में 1980 के दौर में भाजपा के स्थापना काल से प्राथमिक सदस्य बने जबकी वह दौर पूरी तरह से स्थानीय सूरजपुर हो या और कोई क्षेत्र कांग्रेसी विचारधारा के कार्यकर्ताओं से भरी पड़ी थी फिर भी हर विपरित परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए लोगों को संघ और भाजपा की विचारधारा से अवगत कराते हुए उस समय से अबतक समर्पित भाव से कार्य करना एक मिशाल संघर्ष की अलग गाथा है ।इस राजनीतक यात्रा कि सक्रिय भूमिका और दायित्व वर्ष 1984 में बजरंग दल का तहसील अध्यक्ष से शुरु हुई जो 1988 विश्व हिंदू परिषद में सूरजपुर अध्यक्ष के रूप में बढ़ती रही इस दौर में संगठन ने जो भी जिम्मेदारी सौपी उसे लग्न के साथ निभाने और अबतक की दौर में किसी घटनाक्रम के बारे में पुछे जाने पर महत्वपूर्ण हो तो उन्होँने बताया कि जब अयोध्या में राम मंदिर के लिए आन्दोलन शुरू हूआ तो एक एक लोगो को संसाधनों के अभाव के बाद भी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए आन्दोलन में शामिल करने का प्रयास किया।
सबसे बड़ी बात उस दौर 1992 में जब कांग्रेस सरकार ने विहिप पर प्रतिबंध लगाया था वह समय आज भी यादो की पटल में शामिल होने का जिक्र किया।इसके बाद भाजपा संगठन के लिए कार्यो को संगठन के निर्देश पर 1995 में भाजपा मंडल सूरजपुर में मंत्री के रुप मेंराजनितिक सफर तय करते हुए वर्ष 1997 में भाजपा युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष का दायित्व पुरे लग्न से करते हुए युवा मोर्चा का विस्तार अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर करना और फिर परिवारिक दायित्व को निभाने के साथ संगठन की मजबूती के लिए कार्य में सामंजस्य बैठाना किसी मध्यम वर्गीय परिवार कि पृष्ठभूमि से होने के कारण बहुत बड़ी चुनौती भी रही लेकिन दोनो के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करने के साथ फिर वर्ष 2005 से 2009 तक के अवधी में भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ का सरगुजा जिला उपाध्यक्ष का दायित्व् संयुक्त सरगुजा के हर गाँव से लेेेकर जिले स्तर तक के छोटे बड़े सभी व्यवसायीयो को विचारधारा से अवगत कराते हुए सदस्य के रूप में जोड़ते हुय संगठन को मजबूत बनाने में लगातार सफलता मिली ,एक बार फिर से संगठन नेभारतीय जनता पार्टी सरगुजा जिला उपाध्यक्ष पद का दायित्व वर्ष 2010 में सौंपा।इस दरमियान कई उतार चढ़ाव भी आय लेकिन एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में अनवरत कार्य करना दृढ़ संकल्प को जरूर सामने लाता हैं। लगातार संगठन की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद फिर से वर्ष 1993 से 2008 तक सूरजपुर विधानसभा क्षेत्र के 23 पोलिंग प्रभारी रहकर भाजपा के प्रत्याशी को हर दफा इन स्थानों से मतदान में बढत दिलाने का प्रयास में सफलता हासिल हुई इसी के परिणाम स्वरूप भटगांव विधानसभा क्षेत्र में 2010 के उपचुनाव में चुनाव प्रभारी ने साहू समाज बाहुल्य वाले ऐसे क्षेत्र जहां बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा पिछड़ी थी वहा के चिंंन्हाकित 21पोलिंग बूथ कि जिमेदारी मिली और सतत प्रयास का परिणाम रहा कि चुनाव नतीजो में इन बूथों पर भाजपा को बढत मिली और जीत हासिल हुई ।इसके बाद सूरजपुर नगर के चुनाव में चुनाव संचालन समिति में सह संचालक के रुप में सूरजपुर नगर कि सरकार बनाने का लक्ष्य कई मायनों में काफी कठिन था । इस दफा कई चुनौतियां भी थी जिसका मुख्य कारण तो नगर का दर्जा मिलने के बाद से कभी भी भाजपा नगर के सरकार के पद पर चुनाव में जीत हासिल नही कर पाई थी । इन मिथकों को तोडते हुए पहली बार भाजपा अध्यक्ष उपाध्यक्ष के साथ सर्वाधिक वार्डों में पार्षद निर्वाचित हुए।
2005 से लगातर दो बार एल्डरमैन
पार्षद रहने के दौरान मिले अनुभव को चुनावी शंखनाद में प्रयोग करना जो परिणाम को जीत हासिल करने में एक अहम हिस्सा रहीइन सभी दायित्व का निर्वहन सफलता से करने के वजह से भाजपा संगठन ने सूरजपुर जिला जो कई अलग-अलग गुटो में बटा होने और गुटबाजी का शिकार था। इन्हे दूर करने और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जिला अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद वर्ष 2015 मे मिलने के बाद फिर से एक बार सबसे बड़ी चुनौती बना प्रेमनगर नगर पंचायत जो पूरे जिले में संगठन और पार्टी के रही इस त्रिकोणीय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय हुई। 3 वर्ष का कार्यकाल का सफर तो अनेक उपलब्धियों से भरा रहा किंतु जिला अध्यक्ष का दायित्व इनके लिए इस मायने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ढंग से रेखांकित किए जाने लायक है कि उन्होंने अलग-अलग गुटों में बटी भाजपा को सहजता पूर्वक एक झंडे के नीचे लाया और दिग्गज नेताओं को जो आपस में दूरियां बनाकर रखे हुए थे और अपने अपने खेमे से भाजपा का चेहरा दिखा रहे थे उन्हें रामकृपाल साहू ने एक मंच पर लाकर एक नया प्रतिमान स्थापित किया वह नए दौर की शुरुआत जरुर है जो 3 दिसम्बर को तीसरा वर्ष का एक अलग पहचान बनाया है इस कठिन यात्रा पर एक मध्यम वर्ग के परिवार का सदस्य जो लगातर समर्पण भाव से अबतक निर्विवाद रूप से अनवरत रुप से एक कार्यकर्ता से आज तक के कार्यकाल आने वाले समय में राजनीति के क्षेत्र में लोगो के लिए एक प्रेरणा और इस राजनीतक दल के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।