मलेरिया रोधी कार्यक्रम का कोरिया जिले मे हो रहा सतत क्रियान्वयन -डां आशीष करन

बैकुंठपुर (कोरिया)-जिले में पिछले वर्ष 450 मलेरिया के रोगी पाए गए| जिले के पांचों विकासखंडो–भरतपुर, सोनहत, खड़गवां, मनेन्द्रगढ़,और बैकुंठपुर मे निर्धारित वार्षिक लक्ष्य (जनवरी से दिसंबर 2019 तक) 1,43,304 की तुलना मे1,35,989 की प्राप्ति कर ली गई जो कुल लक्ष्य का 95 प्रतिशत है जिनमे ब्लड जांच से 1,04,793 और मलेरिया किट जांच से 57,888 लोगो का  परीक्षण किया गया है। जांच उपरांत वर्ष भर में कुल 450 रोगी मलेरिया से प्रभावित पाये गये थे।इसकीजानकारी देते हुए जिला मलेरिया नोडल अधिकारी डां आशीष कुमार करन ने बताया  राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमके अंतर्गत जिले के मलेरिया प्रभावित चिन्हित दुरस्त क्षेत्रो मे अभियान के तहत वर्ष भर जांच व उपचार शिविरो के आयोजन,स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओ कीमेहनत के परिणाम स्वरूप काफी हद तक मलेरिया जैसी महामारी पर नियंत्रण की कोशिश हुई है।जिले मे मलेरिया प्रभावित संवेदनशील चिन्हित क्षेत्रों  मे जनकपुर,सेमरियाभरतपुर,भगवानपुर,सेरी,माडीसरई,हरचैका,डोमरा,सिंगरौली,बहरासी,उमरवाह,मदकडोल,जामथान,कोटाडोल,कमरोद,मैनपुर,घाघरा,नेरूआ,खडगवां,रामगढ,सिंघोर,दसेर,सलगवाखुर्द,आनंदपुर,नार्थलेदरी,झगराखांड, और केल्हारी है जहां मलेरिया के वाहक ज्यादा संभावित रहते है।इन क्षेत्रों को लक्षितकरके विभागीय अमले द्वारा वर्ष भर जागरूकता अभियान चलाया गया।मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं और इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है ।मादा एनोफलीज नामक संक्रमित मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है।सीएमएचओ डा रामेश्वर शर्मा ने जनसमुदाय से अपील करते हुए कहा”मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सभी को  जागरूक रहने की जरूरत है|अपने आसपास सफाई रखें गंदगी और जमे हुए जल मे मलेरिया संवाहक मच्छरों के पनपने से यह महामारी का रूप ले लेता है| स्वास्थ्य विभाग को  सभी के सहयोग की आवश्यकता है, भविष्य मे भी जांच शिविर का आयोजन होता रहेगा।

“मलेरिया के लक्षण हैं तेज बुखार,कंपकंपी,पसीना आना,सिरदर्द,शरीर में दर्द,जी मचलना और उल्टी होना| कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखायी देते हैं।ऐसे करें रोकथाम  मच्छर-दानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो।आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है।घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें। मोस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का इस्तेमाल करें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएंऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरी तरह आपका शरीर ढ़के और उसका रंग हलका होना चाहिए।ऐसी जगह ना जाए, जहां गंदगी हों यापानी इकट्ठा हो क्योंकि वहां मच्छर पनपने का खतरा होता है।मौसम के बदलते मिजाज से न केवल हमारी सेहत खराब होती हैं बल्कि इन दिनों में मच्छर से फैलने वाली जानलेवा बीमारियां डेंगू-मलेरिया और चिकिनगुनिया का खतरा भी तेजी से बढ़ जाता हैं।