72 हो चुके है रोगमुक्त…66नये रोगी मिले…30 जनवरी से 13फरवरी तक चलेगा कुष्ठ रोग निवारण पखवाड़ा… कुष्ठ रोग से जुड़ी हुईं भ्रांतियों से रहे दूर… निशुल्क इलाज कराये-सीएमएचओ

राजेश सोनी

सूरजपुर-हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को राष्ट्रीय कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग 30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ रोग पखवाड़े को कुष्ठ रोग जागरुकता अभियान के रूप में मनाएगा। इसके अंतर्गत कुष्ठ रोग के मरीजों की तलाश की जाएगी तथा जनसाधारण को जागरूक किया जाएगा। अभियान को घर-घर तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा, पंचायत, आशा वर्कर, स्वास्थ्यकर्मी व अन्य विभागों  से सहयोग लेकर कुष्ठ रोग से जिले को मुक्त करने की तैयारियां की जा रही है।इस अभियान की जानकारी देते हुए सीएमएचओ डा आर.एस. सिंह ने बताया:” कुष्ठ रोग से जुड़ी हुईं भ्रांतियों पर लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए तथा मरीजों और लोगों को इसके कारणों के बारे में शिक्षित करना चाहिए,जिले में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।‘’नोडल अधिकारी डा आदित्य राजवाडे ने बताया:” हमारे जिले मे अप्रैल, 2019से वर्तमान तक 66 नये कुष्ठ रोगियो की पहचान की जा चुकी| पूरे जिले मे 72 रोगियो का इलाज जारी है| उन्होंने बताया सफलतापूर्वक उपचार के बाद 72रोगी इस रोग से मुक्त हो चुके है| कुष्ठ रोग का इलाज संभव है अगर किसी व्यक्ति को सफेद या लाल चकत्ते हों तो वे स्वास्थ्य केंद्र में  निशुल्कइलाज कराएं।”

कुष्ठ रोग के संकेत व लक्षण

त्वचा पर घाव होना कुष्ठ रोग के प्राथमिक संकेत हैं। यदि इसका उपचार न किया जाए तो कुष्ठरोग पूरे शरीर में फैल सकता है जिससे शरीर की त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों सहित शरीर के कई भागों में स्थायी क्षति हो सकती है। इस रोग से त्वचा के रंग और स्वरूप में परिवर्तन दिखाई देने लगता है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर रंगहीन दाग हो जाते हैं जिन पर किसी भी चुभन का रोगी को कोई असर नहीं होता। इस रोग के कारण शरीर के कई भाग सुन्न भी हो जाते हैं।

कुष्ठ रोग के बारे में फैली हुईं भ्रातियां—- तथ्यात्मक जानकारी….

कुष्ठ रोग वंशानुगत नहीं है।कुष्ठ रोग दैवीय प्रकोप, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, पूर्व जन्म के पाप कर्मों आदि कारणों से होता है –, यहकेवल भ्रातियां हैं इनकी तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए।कुष्ठ रोग केवल स्पर्श मात्र से हो जाता है–यह भी कुष्ठ रोग के बारे में बहुत बड़ी भ्रांति है।कुष्ठ रोग अत्यंत संक्रमणशील है–यह भी कुष्ठ रोग के बारे में फैला हुआ भ्रम हैद्यकुष्ठ रोग परकिए गए अनुसंधानों में पाया गया है कि 80 प्रतिशत लोगों में कुष्ठ रोग असंक्रामक होता है, शेष 20 प्रतिशत कुष्ठ पीड़ितों का इलाज सही समय से हो जाए तो कुष्ठ रोग कुछ ही दिनों में असंक्रामक हो जाता है।कुष्ठ रोग लाइलाज है—इस रोग के संबंध में लोगों में यह गलत धारणा है। आज कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। यदि लक्षण दिखते ही कुष्ठ रोग का उपचार शुरू कर दिया जाए तो इस रोग से मुक्त होना निश्चित है।

कुष्ठ रोग की रोकथाम… 

मल्टी ड्रग थैरेपी ने कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए अहम भूमिका निभाई है, अगर रोगी का समय रहते पता लग जाए तो उसका पूरा इलाज कराना चाहिए और बीच में इलाज को छोड़ना नहीं चाहिए। अगर रोगियों का समय रहते इलाज होगा तो कुछ नाममात्र के संक्रामक मामलों में कुछ दिनों मई ही कमी आ जाएगी, क्योंकि कुष्ठ रोग के संक्रामक रोगी का इलाज शुरू होते ही कुछ दिनों में उसकी संक्रामकता खत्म हो जाती है, वैसे कुष्ठ रोग के अधिकतर मामले असंक्रामक ही होते हैं।श्कुष्ठ रोग निवारण दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा अपने जीवनकाल में कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के किए गए प्रयासों से सीख लेकर प्रत्येक नागरिक को कुष्ठ रोग, उसके उपचार, देखभाल और उसके रोगियों के पुनर्वास के बारे में जागृति बढ़नेके लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए|