मानसिक विकारों की पहचान कर चिकित्सकीय निदान दिलाएंगे मनोमितान… शिक्षक मितानिन आंगनबाड़ी स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब ग्राम में करेंगे मोटिवेट…अवसाद से ग्रसित लोगों से संवाद स्थापित किया जाएगा…

रायपुर-मानसिक तनाव,अवसाद और मानसिक रोगों से ग्रसित लोगों की सहायता के लिए रायपुर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य  विभाग मिलकर `मनोमितान’ कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है । कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की विशेष पहल से रायपुर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मानसिक रोगों की पहचान व जांच के पश्चात काउंसलिंग और मनोचिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराया जाएगा । मनोमितान मानसिक अवसाद से ग्रसित लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए बनाया गया है। मा‍नसिक रोगों से पीडित लोग समाज से कटे हुए रहते हैं जो अकेलापन महसूस करते रहते हैं। ऐसे लोगों की काऊंसिलिंग कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने की पहल किया जा रहा है जिससे उनकी जीवन दीघायु और खुशहाल बनाया जा सके|डॉ.एस. भारतीय दासन कलेक्टर रायपुर ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा सकेगा। मनोमितान कार्यक्रम में बाल मनोविज्ञान के साथ मातृत्व, कौशल, युवा एवं वृद्वावस्थाक मनोविकारों का समय पूर्व पहचान कर मनोचिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे अवसाद(डिप्रेशन), उदास रहना, एवं सीजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के लक्षणों की पहचान कर इलाज कराया जाएगा। मनोमितान की भूमिका तनावग्रस्त व्यक्तियों की पहचान कर भावनात्मक परामर्श प्रदान करेगा और ऐसे परिवारों की जानकारी सूचीबद्ध किया जायेगा।


जिला से लेकर ग्राम तक चार स्तरीय समिति होगी गठित-छत्तीसगढ़ प्रदेश में रायपुर प्रथम जिला है जो मानसिक स्वास्थ्य की ओर विशेष पहल करते हुए ग्राम स्तर तक बुनियादी मानसिक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की कार्ययोजना बना रही है। सभी विकासखंडों एवं अंतर विभागीय जिला स्तर के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।जिला स्तर पर इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर रायपुर करेंगे। वही विकासखंड स्तर पर  कार्यक्रम की जिम्मेदारी अनुविभागीय दंडाधिकारी  की होगी। संकुल स्तरीय समितियों का भी गठन किया गया है। अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्यक्रम में आंगनबाड़ी एवं स्कूल सहित महाविद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की काउंसलिंग एवं प्राथमिक मनोचिकित्सक की व्यवस्था की है।अंतर विभागीय समन्वय के लिए स्कूय शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, श्रम, पुलिस, समाज कल्याण, आदिमजाति कल्यााण और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिला, विकासखंड से ग्राम पंचायत की भूमिका तय की गई है।गांव में पहचान के बाद ब्लॉक स्तर लगेंगे स्वाथ्य शिविर प्राथमिक स्वाथ्य  मानसिक देखभाल प्रशिक्षित चिकित्सकों के माध्यम से मनोचिकित्सकों के  मार्गदर्शन पर  प्रदान की जायेगी और आवश्यकतानुसार टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी उपचार प्रदान करने का प्रावधान हैं। खेल, ज्ञानवर्धक कहानियों एवं जीवन कौशल प्रशिक्षण द्ववारा वृद्वावस्थां स्वालंबन को बढावा देना भी इसमें शामिल है ताकि ये लोग समाज में अपने आप को बोझ ना समझे। मानसिक विकारों एवं आत्महत्या के कारणों की समीक्षा एवं रोकथाम के लिए इस कार्यक्रम में पहल की जायेगी।विकासखंड स्तर पर विशेषज्ञ मनो चिकित्सक के माध्यम से शिविर का आयोजन और चिकित्सकीय सुविधाएं , मानसिक दिव्यांग का प्रमाण पत्र प्रदान करेगी। ग्राम स्तर पर चयनित मनोमितान को प्राथमिक मनोविकारों के पहचान के लिए प्रशिक्षित करेगी। डॉ मीरा बघेल सीएमएचओ रायपुर ने बताया आजकल लोगों में डिप्रेशन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।  9 वीं और 10 वीं कक्षा के बच्चे भी मौत को गले लगा लेते हैं। जीवन में हर इंसान के मन में एक बार आत्महत्या का विचार जरुर आता है। वजह चाहे बेराजगारी, नौकरी या पारिवारिक कारण हो सकते हैं। ऐसे लोग मानसिक तनाव से पीडि़त होते हुए स्ट्रगल भी करते रहते हैं। ऐसे व्यक्ति जो आत्महत्या का प्रयास कर असफल रहें, उन्हें मनोमितान के रुप में चयनित किया जाएगा। अब वे समाज में बेहतर जीवन व्यतीत करते हुए दूसरों को भी जागरुक करने में सहयोग करेंगे। मनोविकार का इलाज के लिए समाज में सकारात्मक विचार जरुरी है।