देवलोक विशेष ………… ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ क्या सूरजपुर के लिए नासूर बनेगी मानपुर की घटना………..?

क्या सूरजपुर के लिए नासूर बनेगी मानपुर की घटना………..?

(राजेश सोनी ) सम्पादक

सूरजपुर पुलिस क्यों बनाना चाहती है फिर एक और विकास दुबे….? विकास का जिक्र इसलिए कि पहले ही  उसे उसके गुनाहों की सजा मिल गई होती, अगर कानपुर की पुलिस ईमानदार होती। तब शायद पुलिस के  8 साथियो की बलि नही चढ़ती …..? खैर ,इसका सूरजपुर से क्या लेना देना आपके मन मे यह सवाल होगा तो चलिए हम आपको 8 जुलाई की शाम मानपुर लिए चलते है ,जहाँ इस दिन कुछ लड़को ने रोज की भांति शराब पी और एक संतोष नामक युवक को ज्यादा चढ़ गई और वह अपने मित्र पर चिल्लाने लगा जिससे असहज हुए लांची के बिगड़ैल नबाब ने अपनी स्कार्पियो वाहन चढ़ा दी जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई । यह हम नही बल्कि पूरे मानपुर के लोग कह रहे है और तो और आरोपित युवक ने मृतक के भाई को मोबाइल पर इसकी जानकारी और धमकी भरे अंदाज में चेताया था कि अपने भाई को ले जाए वरना वह जो कहा……. वह करेगा ? लेकिन जब तक मृतक का भाई वहां पहुचता तब तक उसका काम तमाम हो चुका था । पुलिस ऐसी मानसिकता रखने वाले युवक को क्यों बचा रही है……? क्या पुलिस को नही मालूम कि उक्त युवक एक और घटना को अंजाम दे चुका है और उसमें कोई कार्रवाई नही होने के  बढ़े हौसले के कारण ही वह दूसरी जघन्य घटना को अंजाम दे डाला  ……लांची के इस मामले में कार्रवाई क्यों नही हुई यह पुलिस भलीभांति जानती है…..। लेकिन इस मामले में पुलिस तब क्यो कार्रवाई से बच रही जब राजेश कुकरेजा जैसा सुलझा व्यक्तित्व और नेतृत्व वाला कप्तान हो और फिर अनुभवी तथा ऐसा नगर निरीक्षक जो अपने उसूलो के लिए जाने जाते है। ऐसे में क्या माना जाए कि तथाकथित रसूखदारो के दबाव या चांदी की खनक के आगे पुलिस ऐसे अपराध को बढ़ावा देकर सूरजपुर  के लिए एक नासूर छोड़ रही है…..! पुलिस का यह तर्क हो सकता है कि रिपोर्ट के अभाव में उसके हाथ बंधे है तो पुलिस तो प्रोफेसनल है जो ऐसे अपराधों की गुत्थी भी सुलझाती रही है जिसका कोई और छोर भी नही रहता है …..तो फिर इस मामले में अपनी काबिलयत , नैतिकता और कर्तव्यपरायणता का परिचय क्यों नही देती। जिससे ऐसे अपराध को समय रहते कुचला जा सके और फिर कोई ऐसा करने की न सोचें । एक पुराने मामले का उदाहरण देना उचित होगा जिसमें एकीकृत सरगुजा के दौरान कविवर पुलिस कप्तान रहे पवन जैन के समय भैयाथान में एक ऐसी हत्या हुई थी। जिसमे शव सहित सबूतों का अभाव था, पर लोगो की चर्चाओं के आधार पर मीडिया की सुर्खियां बनने पर कप्तान ने मोर्चा सम्हालते हुए मीडिया से कहा था कि हमे सब मालूम है और हम तत्कालिक रूप से कथित आरोपी को ऐसी चेतावनी दे रहे है कि दुबारा वह ऐसी हरकत करने से पहले दस बार सोचेगा । हम इस मामले में यही उम्मीद करते है कि पुलिस ऐसी कोई कार्रवाई जरूर करे जिससे सूरजपुर अपराधो की गढ़ होने से बच सके और इस शहर की जैसी तासीर रही है वह बरकरार रहे। बस पुलिस इतनी कर्तव्य परायण हो जाये……..!