दर्द से तडपते रही गर्भवती विकलांग महिला…..दुर्गम पगडडी जंगली रास्तो का सफ़र कर…घंटो जद्दोजहद के बाद मिली एम्बुलेंस….

राजेश सोनी
सूरजपुर-सूरजपुर जिले में राष्ट्रपति दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जनजाति आज भी मुलभुत सुविधाओं वंचित हैं इसका ताजा मामला सामने आया है ओड़गी ब्लाक के बैजनपाठ से जहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद अस्पताल पहूॅचने के लिए पैदल ही निकलना पड़ा|किसी तरह की मदद सुविधा नहीं उपल्बध होने पर मितानिनों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला
को 10 किलोमीटर पैदल ही लेकर निकल पड़ी| मालूम हो कि बैजनपाठ खोहिर पंचायत की आश्रित ग्राम है और उंची पहाड़ियो पर बसा हुआ है उस गाव में जाने के लिए किसी की हिम्मत नहीं होती क्योकि करीब 10 किलोमीटर जंगल पहाड़ दुर्गम पगड़ड़ी रास्तो से चलना पड़ाता है|दरअसल गाॅव की रहने वाली रमदशिया पण्डो को मंगलवार को लगभग एक बजे दोपहर मे प्रसव पीड़ा
होने लगा। तभी वे पडोसियों के सहयोग से गांव के मितानिनों को सुचना दिया| मितानिनों ने आनन फानन मे 102,108 पर फोन किया लेकिन कई बार कोशिश करने पर काॅल मध्यप्रदेश पर ट्रास्फर हो जाता था|लगातार कोशिश करते करते किसी तरह छत्तीसगढ मे लगा और बताया गया की यह सुविधा ओड़गी ब्लाक पर बंद है साथ ही रास्ता ना होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया इधर घर मे पुरूषों के ना होने के कारण मरीज की सहमति से मितानिन पैदल ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहारपुर के निकल गये|10 किलोमीटर पैदल चलने के बाद प्रसुता दर्द से कहराते हुए किसी तरह खोहिर तक पैदल पहुची| वहा मौजूद ग्रामीणों की सुचना पर जिले के पत्रकारों ने इसकी सुचना CMHO को देने पर आखिरकार देर से ही पहुची एम्बुलेंस ने दर्द से कहराते तडपते विकलांग महिला को बिहारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र ले जाया गया|जहाँ पर गर्भवती महिला की स्थिति अधिकखराब होने पर उसे दूसरे राज्य मध्यप्रदेश के सिगरौली जिले के बैढ़न अस्पताल के लिए भेजा गया है| सीएमएचओ आर एस सिंह ने बताया की जहां तक वाहन पहूॅच सकती है वहां तक एंबूलेंस भेज दिया गया है,साथ ही जिन गाॅव तक वाहन नहीं पहूॅच सकती वहां बाईक एंबुलेंस की व्यवस्था एक माह के भीतर करने की बात कही है|