राजेश सोनी
सूरजपुर.- सरकारें बदली पर व्यवस्था में कोई बदलाव न हुआ है कमीशन खोरी तो जैसे दस्तूर बन कर रह गया है. इसके लिए अफसरशाही व बाबुराज बड़ी वजह है.राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के तहत मिलने वाली राशि मे कमीशन खोरी की बात तो आम है पर इस बार हितग्राही के खाते से आधे से अधिक रूपये गोल-माल हो जाने का मामला सामने आया है. जिसकी शिकायत पीड़ित ने कलेक्टर से करते हुए राशि दिलाने के साथ इस फर्जीवाड़े की जांच की मांग की है. कलेक्टर को किये शिकायत में रामानुजनगर ब्लाक के ग्राम छिन्दिया निवासी देशुराम अगरिया ने बताया कि उसकी पुत्री की मौत वर्ष 2015 मे कुँए में डूबने से हो गई थी. जिस पर सहायता राशि के लिये लिये उसने आवेदन किया था और चार लाख रुपये मंजूर भी हुआ. राशि मंजूर होने के बाद कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ लिपिक ने उसे कार्यालय बुलाकर और बैंक में खाता खुलवाने को बोला गया. जबकि रामानुजनगर बैंक में उसका खाता है पर उसे राशि नही मिलने की बात कहते हुए सूरजपुर के निजी बैक में खाता खुलवा कर चेक बुक भी जारी कराया गया. देशुराम का आरोप है कि लिपिक ने दो चेक बुक पर उसके हस्ताक्षर करवाकर अपने पास रख लिया और बोला कि इसी आधार पर तुम्हारे खाते में पैसा आयेगा. पीड़ित ने बताया कि उसके कुछ दिनो बाद उसके खाते में चार लाख रुपये जमा भी हुये और दिनांक 05 फरवरी.2021 को दो लाख पचास हजार रुपये चेक के माध्यम से पैसे का आहरण कर लिया गया. बैंक स्टेटमेंट निकलवाने पर पता चला की चेक के माध्यम से शाह स्टील फर्नीचर के नाम पर आहरित किया गया है. जबकि देशु राम का बताया कि उसने कभी किसी को चेक जारी किया ही नही है. शिकायत मे देशु ने बताया कि लिपिक से इस संबंध में बात करने पर उसने सही जानकारी देने की बजाए उसे उल्टे धमकाया गया. सम्बन्धित लिपिक के इस व्यवहार से उसे आशंका है कि इस फर्जीवाड़े में उसकी सलिप्तता है. बहरहाल देशुराम ने कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ लिपिक पर कार्यवाही करने के साथ उसे ढाई लाख रुपए दिलाने की मांग की है।