राजेश सोनी
सूरजपुर. चैत्र नवरात्रि का आज समापन हो गया। मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर इस बार नाव पर सवार होकर आई थीं और हाथी पर सवार होकर प्रस्थान किया। आज रामनवमीं पर कन्या पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया तो वहीं ज्वारे का विसर्जन भी धूमधाम से किया गया।जिसमें लोग भक्ति के रंगों में नजर आए।चैत्र नवरात्रि पर्व के मौके पर लगातार नौ दिनों तक लोग माता रानी की पूजा अर्चना में लीन रहे । प्रतिदिन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर जिले के महामाया मंदिर,कुदरगढ़ धाम, बड़कापारा के समलाई मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में विशेष पूजा आराधना का क्रम चला। अंतिम दिवस में रामनवमी पर देवीपुर में स्थित महामाया मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्वालु माता पूजन के लिए पहुंचे तथा हवन कर पूजा अर्चना की। यहां कन्याओं का पूजन भी किया गया। कुदरगढ़ के बागेश्वरी माता के धाम में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली यहाँ मेले में बच्चों व बड़ों के लिए सुंदर-सुंदर वस्तुओं की दुकानें आकर्षण का केंद्र रहीं।
समलाई मंदिर बड़कापारा.
नगर के सबसे पुराना मोहल्ला बड़कापारा के समलाई मंदिर में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। नवरात्रि के दिनों में तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। मोहल्ले सहित नगरवासी बड़े विधि विधान ज्वारा रख,अखंड ज्योति जलाकर पूजा-अर्चना किया जाता है सतमी अष्ठमी को पूरी रात माता का सेवा की जाती है। मान्यता है कि यहां दर्शन-पूजन से मां की कृपा भक्तों पर बरसती है और उनकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। समलाई मंदिर के बैगा अनिरुद्ध बैगा ने बताया कि उनकी 6 पीढ़ी से समलाई माता का पूजा करते आ रहे है पूर्वजो के अनुसार मान्यता है कि यहाँ वशवृद्धी नही होती थी बच्चों की अकारण मौत हो रही थी तो गौतम बैगा ने समलाई माता की अलौकिक शक्ति से इस प्रभाव को दूर कर समलाई मंदिर की स्थापना की और तभी से उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी माता की पूजा करते आ रहे।

जगह जगह ज्वारा विसर्जन..
नो दिनों की पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से ज्वारा का विसर्जन किया गया।इस मौके पर श्रद्धालु कई रंगों में नजर आए।खुद को माता को समर्पित कर नाचते, झूमते माता का यशोगान करते दिखे।जिसमे परम्परागत बाद्य यन्त्र भी बजाए जा रहे थे।

खडगेश्वरी बाबा का एक वर्ष पूर्ण……
इधर रुनियाडीह स्थित भूत भावन शिव मंदिर में पांच वर्ष के लिए संकल्पित खडगेश्वरी बाबा का भी इस नवरात्र में खड़े रहने का एक वर्ष पूरे हो गए। रुनियाडीह के इस मंदिर में दौलत गिरी साधु बाबा ने पांच वर्ष तक खड़े रहने का संकल्प लिया है। पिछले वर्ष नवरात्र में उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। चैत्र नवरात्र में एक वर्ष पूर्ण होने पर यहां नो दिनों तक शतचंडी पाठ का आयोजन किया गया था।जिसके आज समापन अवसर पर कन्या पूजन व भण्डारे का आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे थे।इस शतचंडी पाठ में मैहर आये पंडित ऋतुराज तिवारी,सतीश दुबे आदि ने नो दिनों तक अनुष्ठान किया।जबकि व्यवस्था बनाने में नन्द लाल राजवाडे,विनय तिवारी,रामाधीन गुप्ता,राजेश सोनी,चन्चलेश श्रीवास्तव ,सन्तोष सोनी,महेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य लोगो का सक्रिय योगदान रहा।
