अतिक्रमण हटाने गई महिला तहसीलदार बनी बंधक…पुलिस ने ग्रामीणों पर काबू कर तहसीलदार को छुड़ाया…

० शासकीय जमीन पर अतिक्रमण होता रहता है और राजस्व विभाग सोया था,परेशानी बढ़ने के बाद अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए बन जाती है मुसीबत० *गरीबों के आशियाने पर सूरजपुर प्रशासन का चला बुलडोजर,रसूखदारो के सामने प्रशासन नतमस्तक० अतिक्रमण हटाने में हो सकती थी बड़ी घटना बिना तैयारी हल्के में प्रशासन ने लिया मामले को आखिर तहसीलदार को ग्रामीणों के गुस्से का होना पड़ा शिकार०

सूरजपुर. शासन का भी अलग ही लीला है शहरों में रहने वाले लोगों को फ्री होल्ड के तहत जमीन देकर राजस्व का खजाना भरा जा रहा है पर वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण के बुलडोजर चलाए जा रहे हैं अब शासन का यह दोहरा नीति व नियम लोगों के समझ के परे है, यही वजह है कि अतिक्रमण हटाते समय प्रशासन के लोगों को ही ग्रामीणों के सामने दो-चार होना पड़ता है, प्रशासन की पहली गलती तो यह है कि जिस समय अतिक्रमण होता है उस समय वह गहरी नींद में सोए रहते हैं, जबकि अतिक्रमण हो रहा है यह सारी जानकारी उन्हें पता रहती है, जब अतिक्रमण होकर लोग वहां रहने लगते हैं और उस जगह पर बसावट हो जाती है और एक गांव का रूप ले लेता है तब शासन जाती है और अतिक्रमण हटाने के चक्कर में एक बड़े तबके को नुकसान पहुंचा जाती है, यदि यही काम प्रशासन शुरुआती दौर में करता तो प्रशासन के लिए भी समस्या कम होती और लोगों को भी इतनी तकलीफ नहीं होती, जब लोग लाखों खर्च करके अपना आशियाना बना लेते हैं और रहने लगते हैं तब उस पर बुलडोजर चलना उनको ज्यादा तकलीफ देता है और ग्रामीणों और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति निर्मित हो जाती है, कुछ ऐसा ही सूरजपुर मुख्यालय से कुछ ही दूर पर लगे ग्राम पंचयत तिलसिंवा में कलेक्टर का आदेश का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाने गई सूरजपुर तहसीलदार ग्रामीणों के गुस्से का शिकार हो गई और ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और काफी देर तक बंधक बनाकर रखा, पुलिस प्रशासन की बीच-बचाव में तहसीलदार को जैसे-तैसे ग्रामीणों के बीच से लाया गया और महिलाओं पर कार्यवाही की गई, यह भी कहा जा रहा है कि जहां पांच घर तोड़ने थे वहां पर प्रशासन ने पूरी बस्ती ही तोड़ दी.

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम तिलसिंवा के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण तो बुधवार को  हटा लिया गया पर इस अतिक्रमण को हटाने में प्रशासन के पसीने छूट गए। भारी बवाल, महिला तहसीलदार को बंधक बनाने, जेसीबी में तोड़फोड़ और फिर हल्का बल प्रयोग के बाद ही सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा सका है। नगर सीमा से लगे ग्राम तिलसिंवा में पिछले दिनों सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर महिलाओं के दो गुटों में जमकर लाठियां चली थी, जिससे कई के कान कपार फुट गए थे। अतिक्रमण हटाने के पक्षधर महिलाओं ने घटना के बाद धरना प्रदर्शन कर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, जिस पर जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि हफ्ते भर के अंदर उक्त सरकारी भूमि कब्जा मुक्त करा कर पंचायत को सौंप दी जाएगी। इसी आश्वसन के मद्देनजर बुधवार को  तहसीलदार वर्षा बंसल की अगुवाई में प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने पहुचीं और सभी अतिक्रमणकारियो को खुद से अतिक्रमण हटाने कहा गया। जिस पर वे सहमत हो गए और करीब 18 लोगो के अतिक्रमण हटाये गए। हालांकि नोटिस केवल 5 को दिया गया था। लेकिन अतिक्रमणकारी इस बात पर भड़क गए कि एक अतिक्रमण को प्रशासन अभयदान क्यों दे रहा है। जिसे ग्रामीण रसूखदार बता रहे थे। महिलाएं इतनी उत्तेजित थी कि पुलिस को बल प्रयोग कर किसी तरह से तहसीलदार को उनके घेरे से अलग कराया।इसकी जानकारी लगने के बाद एसडीएम रवि सिंह मौके पर पहुचे और उन्होंने बातचीत कर मामले को शांत कराया।इधर जिस कब्जे को नही तोड़ने की बात की जा रही उस पर भी प्रशासन ने कार्रवाई की है पर महिलाओं का आरोप है कि उस पर केवल दिखावे की कार्रवाई की गई है।

*इनके टूटे घर..

इस कार्रवाई में  तीजों सिंह, अमरजीत चौधरी, बिफ़िया, दुर्गावती, राजकुमार पाया, रिश्वत सोनी, संजय सोनी, मोनू सोनी, सत्यनारायण शर्मा, विजय सोनी, सुनील सोनी, मया लाल, नित्यानंद जायसवाल, विनोद सिंह, हेमचन्द चौधरी, आमीन खान, सरिता राजवाडे व सिरदयाल आदि प्रभावित हुए है।

7 महिला गिरफ्तार..

इधर तहसीलदार से अभद्र व्यवहार व तोड़फोड़ के मामले में चार महिलाओं को हिरासत में लिया गया है।  जिसमे तीजो सिंह , सोनिया सोनी,  सकून सोनी ,प्राची सोनी, काजल सिंह, वैशाली शर्मा ,सरिता अगरिया आदि शामिल है।इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल मौके पर सक्रिय थी। टीआई कोतवाली ने बताया कि सात महिलाओं को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है।

*सरपंच की शिकायत.

तिलसिंवा के सरपंच ने आज एक लिखित शिकायत देकर अतिक्रमणकारियो को बाहरी बताते हुए गांव के लोगो से मारपीट धमकी देने का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है।

*प्रशासन के मुंह देखा देखी कार्यवाही उसके लिए बनी मुसीबत.

सूत्रों की माने तो अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन के नियत साफ नहीं थी सिर्फ 5 लोगों का ही अतिक्रमण हटाना चाहती थी और एक रसूखदार को बचा रही थी जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और मामला बढ़ गया और फिर इतना बड़ा है कि तहसीलदार को ही बंधक बना लिया गया, ग्रामीणों का कहना था कि कार्रवाई करनी है तो एक बराबर करें किसी को बचाना है और किसी को उजाड़ना है यह प्रशासन का काम नहीं होना चाहिए, यही वजह थी कि जो अतिक्रमण शांतिपूर्वक होना था वह अशांति में तब्दील हो गया और बेवजह माहौल खराब हो गया और 7 महिलाओं पर कार्यवाही करनी पड़ी, यह बताया जा रहा है कि सातों महिलाओं को महिला जेल अंबिकापुर भेजा गया है।

*जिला प्रशासन के बुलडोजर से उजड़े अट्ठारह घर..

जिला प्रशासन के बुलडोजर ने अट्ठारह घरों को तोड़ दिया पूरे दिन भर इन घरों को तोड़ने को लेकर गहमागहमी का माहौल रहा अप्रिय घटना होने की पूरी संभावना बनी रही आखिर कोई अप्रिय घटना देखने को भी मिली पर गनीमत यह थी कि किसी भी जानमाल की हानि नहीं हुई जो भी नुकसान हुआ वह प्रशासन ने तोड़ कर ग्रामीणों को पहुंचाया।