सूरजपुर. जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत ऊँचडीह के वार्ड क्रमांक एक में गांव के दबंग के द्वारा शासकीय भूमि पर धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है. सरपंच उपसरपंच जनपद सदस्य व पंचो के साथ ही मोहल्ले वासियों के द्वारा मना करने के बावजूद निर्माणाधीन आंगनवाड़ी के भवन पर अवैध अतिक्रमण का खेल जारी. इस ओर प्रशासन का भी कोई ध्यान नहीं है, लिहाजा अतिक्रमणकारी का हौसला बुलंद है. जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्रामवासी लामबंद हो गए हैं और आज पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मोहल्ले वासियों ने एक लिखित शिकायत चैकी प्रभारी बसदेइ के नाम देकर अवैध कब्जा हटाने को कहा है. शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि गांव के व्यक्ति द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा मना करने पर भी निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन के जमीन पर अवैध भवन निर्माण कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है. मोहल्ले वासियों का कहना है कि उनके वार्ड में यही एक शासकीय भूमि है और इस भूमि पर भी अतिक्रमण कर भवन निर्माण किया जा रहा है जिससे भविष्य में मोहल्ले वासियों के निस्तार के लिए शासकीय भूमि का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही उक्त भूमि पर बच्चों के लिए शासन के द्वारा आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कराया जा रहा है. ताकि बच्चे वहां शिक्षा ग्रहण कर सकें और खेलकूद के माध्यम से अपना मानसिक व बौद्धिक विकास कर सकें, लेकिन उक्त भूमि पर अतिक्रमण के बाद ना तो खेल मैदान बचेगा और ना ही बाउंड्री वाल के लिए भूमि. शिकायत पर चैकी प्रभारी के द्वारा फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक तो लगा दिया गया है लेकिन अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है. इधर पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम वासियों ने जिला प्रशासन से अवैध अतिक्रमण हटा कार्यवाही की मांग की है. इस दौरान सरपंच पार्वती सिंह मरकाम, उपसरपंच रीता राजवाड़े, जनपद सदस्य मान कुंवर, सरपंच प्रतिनिधि बोधन सिंह, उप सरपंच प्रतिनिधि घनश्याम, जनपद सदस्य प्रतिनिधि रजेलाल, पंच राबिया बीबी, कुसुम राम, भैयालाल राजवाडे, प्रदीप, जयकरण, परमेश्वर, नीलकंठ, अर्जुन के साथ पंचायत प्रतिनिधि व मोहल्ले वासी उपस्थित थे.
पट्टे का हवाला दे पंचायत प्रतिनिधियों को भगाया’
ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि बोधन सिंह ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधि जब आज सुबह अवैध निर्माण कार्य को रुकवाने और आंगनवाड़ी भवन के बाउंड्री वॉल के लिए पहुंचे तो उक्त व्यक्ति के द्वारा भूमि का शासकीय पट्टा होने का हवाला देते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को भगा दिया गया.