Rajesh Soni
सूरजपुर– जमीन फर्जीवाड़ा मामले में न्यायालय के आदेश पर हल्का पटवारी सहित 3 लोगो हुआ धारा 420,34 के तहत मामला दर्ज हुआ है उक्त जमीन फर्जीवाड़ा मामला 2015 का बताया गया है जिस पर न्यायालय के आदेश पर SECL कर्मी शाहिद सिद्दीकी निवासी मस्जिदपारा,रामशरण ग्राम तिलसिवां, विजय कुमार गुप्ता तत्कालीन ह.प.न.-13 रा.नि.मं. पर धारा 420,34 के तहत कोतवाली थाने में अपराध दर्ज किया है. पीड़ित बिश्रामपुर SECL कर्मचारी लालबाबू गिरी की जानपहचान मस्जिद पारा व SECL कर्मचारी शाहिद सिद्दीकी से थी और उसने नौकरी के अलावा जमीन क्रय-विक्रय का दलाली कार्य करना बताये जाने व अच्छे जगह पर भूमि का प्रलोभन देकर नगर के मानपुर मोहल्ला निवासी रामशरण राजवाड़े की स्वामित्व की भूमि जो ग्राम तिलसिवा प.ह.नं. 13 रा. नि.मं. को दिखाकर भूमि का सौदा कर विक्रय के लिए तैयार हुए. भूमि विक्रय के पूर्व आरोपी शाहिद सिद्दकी,रामशरण ने हल्का पटवारी विजय कुमार गुप्ता से मिलकर कुटरचित राजस्व दस्तावेज तैयार कर छह लाख सत्ताईस हजार रुपये( 6,27,000) में दिनांक -19.03.2015 जमीन की रजिस्ट्री किया गया. बकायदा पीड़ित का नाम संबंधित राजस्व अभिलेखों में नामांतरण भी हुआ और उसे हल्का पटवारी ने ऋणपुस्तिका भी तैयार कर दिया था. पीड़ित जब खरीदे गए भूमि पर मकान निर्माण करने के उद्देश्य पर सीमांकन कराने गया तो उसे उसके नाम से मौके पर कोई भूमि नहीं है तब फर्जीवाड़ा का खेल का पता चला कि किसी अन्य की भूमि दिखाकर छल धोखाधड़ी किया गया.पीड़ित आरोपियों से पैसा लौटाने को कहा आज कल दूंगा कहकर टाल-मटोल किये जाने पर उसने 07.04.2021 का लिखित शिकायत कोतवाली थाना से की थी पर कोई कार्यवाही नही किया गया. जिसके बाद उसने दिनांक -25.08.2021 को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी परंतु पीड़ित को वहाँ से निराश मिली तो उसमे आखिरकार न्यायालय की शरण में जाना पड़ा.जिसमे न्यायालय ने संज्ञेय अपराध का घटित होना पाया और उसने पुलिस की कार्यवाही पर टिप्पणी भी की साथ ही इस पूरे मामले में संलिप्त तीनो आरोपियों पर अपराध दर्ज करने का आदेश कोतवाली थाने को देने पर पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर SECL कर्मी शाहिद सिद्दीकी निवासी मस्जिदपारा, रामशरण ग्राम तिलसिवां, विजय कुमार गुप्ता तत्कालीन ह.प.न.-13 रा.नि.मं. पर धारा 420,34 के तहत अपराध दर्ज किया है.
जिले में जमीन माफिया की साठगांठ तहसीलदार सहित पटवारी से है जिसकी बदौलत कुटरचित दस्तावेज तैयार कर किसी की भूमि,किसी और का बता कर खरीद बिक्री की जा रही है. यहाँ तक की 30 वर्षो से गुमशुदा अचानक भूत की तरह प्रगट हो रहे और बनिया की दुकान बने तहसील कार्यालय में उनका नामांतरण किया जा रहा है. बहरहाल जमीन की फर्जीवाड़ा की शिकायतो की संख्या बहुआयत है जिसमे पटवारी तहसीलदार के साथ जमीन माफिया दलाल सक्रिय भागीदारी निभाते है. भूमि फर्जीवाड़ा की शिकायत थानों तहसील एसडीएम कलेक्टर से करने पर भी यदाकदा ही सुनवाई होती है जिसमे राजस्व अधिकारी को धोखाधड़ी फर्जीवाड़ा करने की खुली छूट मिली हुई है.