पप्पु जायसवाल
बिहारपुर. ओडगी ब्लाक के दुरस्थ क्षेत्र ग्राम पंचायत रामगढ़ के आश्रित ग्राम तेलईपाठ में स्थित एकमात्र हैडपंप के खराब हो जाने से कुछ ग्रामीण गांव छोडकर अनयंत्र चले तो वही बचे ग्रामीण 4 किलोमीटर दुर से नदी का पानी लाकर प्यास बुझा रहे है. गौरतलब है कि तेलईपाठ में 6 माह से हैडपंप खराब होकर जर्जर हो गया है जिसके वजह से गांव के कुछ ग्रामीण दुसरे गांव कछवारी चले गये है तो शेष ग्रामीण 4 किलोमीदर दुर रेडीया नदी का पानी लाकर प्यास बुझा रहे है. ऐसा नही है कि इसकी सुचना पीएचई विभाग को नही है बकायदा विभाग के कर्मचारी गांव पहुचकर वस्तु स्थिति का जायजा लेकर अपने हाथ खडे कर दिये. गांव में 20 घर है 80 से 100 ग्रामीण है. गांव में पेयजल का एक मात्र सहारा बना हैडपंप ही था जो 6 माह से खराब होने से ग्रामीण को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
आवश्यक मुलभूत सुविधाओ का अभाव
तेलईपाठ की बात करे तो इस गांव के ग्रामीण आज भी मुलभूत सुविधाओ को तरस रहे है ना सडक है ना ही स्वास्थ,शिक्षा का विस्तार है ग्रामीण 25 किलोमीटर दुर पहाडी पंगडंडी काटोंदार रास्तो का सफर कर पीडीएस का राशन लेने रामगढ पहुचते है.
कागजो में सचालित स्कुल
तेलईपाठ गांव में स्कुल भवन का अभाव है सरकारी कागजो में प्राथमिक और माध्यमिक शाला लगाये जा रहे है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है ना तो यहा पर किसी तरह की कक्षाये संचालित है ना कोई शिक्षक गांव के बच्चो को पढाते है.
गांव छोड रहे ग्रामीण
सितंबर 2020 में आवश्यक मुल भूत सुविधाओ को लेकर यहा के ग्रामीण गांव छोडकर कछवारी में बस्ती बसा लिये थे उनको मनाने के लिये विधायक सहित जिला प्रशासन के अधिकारी पहुचकर कर ग्रामीणों को आवश्यक सुविधा प्रदान करने का आश्वासन भी दिये थे जिससे ग्रामीणो की वापसी हुई थी. लेकिन किसी तरह की सुविधाओ का विस्तार नही हो सका यहा तक अक्टुबर 2020 में बैजनपाठ पहुचे छ0ग0 शासन के स्वास्थ, पंचायत मंत्री टीएस सिहदेव ने ग्रामीणों को आश्वस्थ किया था कि गांव में आवश्यक सुविधाओ का विस्तार किया जायेगा यहा तक की जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में पेजयल उपलब्ध कराने को कहा था.
शो पीस बने होम लाईट
देश आजाद हुये 75 साल हो गये पुरे देश में अमृत महोत्सव का आयोजन किये जा रहे है लेकिन ओडगी ब्लाक के दुरस्थ दो दर्जन से अधिक गांव में विकास की किरण तक नही पहुची, यहा तक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल तक नही उपलब्ध करा सकी. हालाकि क्रेडा विभाग ने ग्रामीणों को होम लाईट देकर खानापुर्ति जरुर की थी, लेकिन गुणवक्ता के अभाव में होम लाईट भी ज्यादा देर टीक नही सकी.

रोजगार की परेशानी
तेलईपाठ में तीन बाध का निर्माण गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सौजन्य से किये जा रहे है एक 15 लाख, दो 8-8 लाख रुपये के बनाये जा रहे है जिसमें गांव के ग्रामीणों को रोजगार तक नही दिये जा रहे है बहरहाल बाध निर्माण का कार्य मशीनो से कराई जा रही है.
ओडगी में पदस्थ पीएचई विभाग के एसडीओ ने बताया कि 1990 में गांव में हाथ से खुदाई कर हैडपंप लगाये गये थे अब उसमें पाईप नीचे गिर गया है जिससे सुधार की कोई गुजाइस नही है जबकि उस गांव में विभाग ने दो हैडपंप की स्वीकृति की गई है-आर सी शर्मा, एसडीओ ओडगी
आदेश निर्देश और निरिक्षण
जिला प्रशासन के उच्चअधिकारी आदेश, निर्देश, निरिक्षण तक ही सीमित है जिले के दुरस्थ और अति कुपोषित बिहारपुर क्षेत्र का कायाकल्प करने दावा कर कई शिविर का आयोजन कर अखबारों सहित शोसल मिडिया में जमकर सुर्खिया बटोरे गये थे. लेकिन यहा की दशा और दिशा कल भी वही थी आज भी वही है. आजादी की अमृत काल में इस क्षेत्र के ग्रामीण आज भी शिक्षा, स्वास्थ, सडक, विद्युत सहित आवश्यक मुलभूत सुविधाओ के लिये तरस रहे है.