राजेश सोनी
सूरजपुर.आज मजदूर दिवस पर भाजपा ने शुभकामनाएं और बधाई दी.सभी श्रमजीवियों समेत समाज के सभी तबकों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लम्बी लडाइयां लड़ी है. भाजपा ने प्रदेश में लगे आपातकाल को दुर्भाग्य बताया है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब असहमति के हर आवाजों का दमन करना चाहती है। उसने एक काला आदेश निकाल कर रैलियों और प्रदर्शनों पर कड़े प्रतिबन्ध और शर्तों को थोपने का काम किया है.भाजपा के संगठन प्रभारी राजा पांडेय ने बताया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सपनों को छलने का काम किया है। उसने प्रदेश की सीधी-सच्ची जनता को दर्जनों लुभावने सपने दिखा कर, उनसे सैकड़ों वादे कर सत्ता हड़प ली। और अब जिस जनता ने उसे सत्ता सौंपी, उसी के साथ वह बर्बरता की सीमा लांघते हुए, प्रदेश के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की नृशंस हत्या कर रही है.भूपेश सरकार ने एक तुगलकी आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजानिक, धार्मिक, राजनीतिक, अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित आयोजनों पर जिसमें भीड़ आती हो, उसे रोकने के लिए 19 बिंदुओं की शर्तें लगाई गयी हैं, और उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है इन शर्तों का पूरी तरह पालन कर कोई भी बड़ा धार्मिक/राजनीतिक/सामाजिक आयोजन संभव ही नहीं है। अतः सीधे तौर पर सरकार यह चाहती है कि जन संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को, असहमति की आवाज़ को, विपक्ष को, धार्मिक भावनाओं को अभिव्यक्ति की आजादी को दे. राजा पांडेय ने कहा कांग्रेस का ऐसा करने का इतिहास भी रहा है, आपातकाल लगा कर उसने हमें जीने तक के अधिकार से वंचित कर दिया था.आज प्रदेश के किसान, युवाओं के साथ धोखा हुआ है। जब शिक्षक अभ्यर्थी, विद्या मितान, पुलिस अभ्यर्थी, बिजली कर्मचारी, कोरोना वारियर्स, संविदा कर्मी, आदिवासी, महिलायें, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं…. सभी अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं, जब प्रदर्शन के दौरान किसान अपनी जान दे रहे हैं जैसा नया रायपुर में हुआ, युवा आत्महत्या कर रहे हैं, तब इन आक्रोशों को ख़त्म कर उन्हें न्याय देने के बदले, कांग्रेस सरकार उनकी जुबान बंद करने पर उतारू है। जबरा मारे और रोने भी न दें. उन्होंने लखीमपुर में छग का करोड़ों लुटा आने वाले बघेल के पास अपने मतदाताओं को देने के लिए बस लाठी है, जिस तरह रायपुर में आंदोलनकारियों को पिछले हफ्ते ही जूतों से कांग्रेस सरकार द्वारा कुचला गया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक के द्वारा जम कर उन पर लाठी मुक्के बरसाए गए, अब इस नए तुगलकी आदेश के बाद ऐसे तत्व और किस तरह जनता का दमन करेंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है. भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल ने सरकार को आइना दिखाते हुए बताया कि इस आदेश में सबसे आपत्तिजनक और असंवैधानिक बिंदु आयोजकों से हलफनामा लिया जाना है। उसके बाद आयोजन के दौरान किसी भी तरह का कथित उल्लंघन होने पर सीधे उन पर • कानूनी कार्यवाही होगी। मतलब अब प्रदेश में हर कार्यक्रम अंततः शासन के रहमोकरम पर निर्भर रहेगा। आखिर कोई शासन अपने ही खिलाफ किसी प्रदर्शन के लिए अनुमति क्यों देगा?’इस आदेश से अब जब भी शासन का मन होगा वह किसी न किसी शर्त के उल्लंघन के आरोप में आयोजकों को जेल में डाल देगी। या किसी न किसी बहाने प्रदर्शन की अनुमति ही नहीं देगी। आयोजकों पर हमेशा आतंक बना कर रखना चाहती है सरकार इस आदेश में ऐसे-ऐसे प्रावधान हैं जिससे जान-बूझकर भी किसी आयोजन में अशांति पैदा कर भी उसके आयोजकों को जेल भेजा जा सकता है। उन्हें सजा दिला सकती है कांग्रेस. इससे अनैतिक हमारे संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन बताया. ऐसा आदेश तो कभी अंग्रेजों ने भी नहीं दिया था जैसा उनके उत्तराधिकारी कांग्रेसी दे रहे।इस सनक भरे आदेश पर श्री अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार को यह चेतावनी देते हुए 15 दिन के भीतर अपना यह काला आदेश वापस ले, अन्यथा पार्टी लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आन्दोलन समेत हर तरह का आंदोलन करने, बलिदान देने सड़क पर उतरने को मजबूर होगी और इसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी आपातकाल के खिलाफ पूर्व में भी आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ कर जैसे देश ने जीत हासिल की थी, उसी तरह निश्चय ही हम छत्तीसगढ़ के लोग आजादी की इस तीसरी लड़ाई को भी दम-खम से लड़ते हुए कांग्रेस को फिर परास्त करेंगे। कांग्रेस सरकार को हम हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों से खेलने नहीं देंगे। हम यह आदेश वापस लेने कांग्रेस को फिर से चेतावनी देते हैं.प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा नेता भूलन सिंह मराबी, भाजपा युवा मोर्चा रविन्द्र भारती, मंडल अध्यक्ष अजय अग्रवाल, मीडिया प्रभारी शशि तिवारी सहित भाजपाई मौजूद रहे.