स्थानांतरण आदेश के 24 घंटे के अंदर निरस्त. अजब गजब की व्यव्स्थाए…?

राजेश सोनी
सूरजपुर. जिले के पुलिस का हाल खस्ताहाल है तो वही नये पुलिस अधीक्षक के कमान संभालते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री की जमकर किरकिरी तक हो चुकी. नारी की भरी सभा में उपमान उलाहना तिरस्कार की कीमत भी उन्हे चुकानी पड रही है जो यह शुभ संकेत नही है. फिलहाल जिले की पुलिस थाना चैकीयों की व्यव्स्था संभालने के लिये पुलिस अधीक्षक राम कृष्ण साहु ने स्थानांतरण आदेश जारी किये थे वह 24 घंटो के अंदर वापस लेने पडे. इसके पीछे क्या कारण है यह किसी से छिपा नही है जो पहले से चल रहा स्थानांतरण उद्योग ही हो सकता है जिसके आगे माननीय के सामने अधिकारी नतमस्तक है. दुकानो की बोली में कुछ कमी रह गई हो. फिलहाल साहब चुप्पी साधे हुये है. मिडिया को जवाब देते ही नही बन रहा वैसे भी जिले की पुलिस का चाल चरित्र और चेहरा जग जाहिर है. स्थानांतरण आदेश जारी होते ही शोसल मिडिया में बधाईयों का दौर जारी हो गया और पुलिस थाना में पदस्थ प्रभारी बनाने की खुशियां दिखने लगी थी स्वागत सत्कार का सिलसिला जारी था. अब निरस्त होते ही प्रभारिंयों के शुभचिंतको का चेहरों में निराशा छा गया है. वैसे भी अधिकरियों के वर्ताव से महकमें सहित प्रदेश के मुखिया तक घोर संकट आ गया था.. प्रेमपाश मोहमाया में अधिकारी बदनाम हो रहे. एक अनार सौ बीमार, पति पत्नी और वो जैसे कई कहानियां. कई बार तो कार्यालय में लतम जुतम का स्थिति होते बची, लेकिन कब तक…? फिलहाल स्थानांतरण के बाद उसे निरस्त करने पर खुद अधिकारी सवाल बन गये है. नारी के कहर का खौफ ऐसा कि डर से तीन घंटो तक कार्यालय में बंद…? एक आदमी के दो चरित्र राम और कृष्ण की और रामायण और महाभारत दोनो में ही नारी का अपमान और तिरस्कार हुआ और हो गया विनाश. फिलहाल भगवन रामकृष्ण के कार्यकाल में नारी का अपमान तिरस्कार का कोप का भाजन तो भोगना ही पडेगा जैसे की होते आ रहा है सदियों से….शेष अगले अंक में…