राजेश सोनी
सूरजपुर- सूरजपुर की धरती कर्मयोगी ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों की धरती के तौर पर जानी जाती है आज भी इस धरती पर एक साधू संत बाबा महंत दौलत गिरी जी हैं, जोकि विश्व शांति के लिए अनोखी तपस्या कर रहे हैं साथ ही धर्म संस्कृति को बचाने के दुनिया में अमन, शांति का माहौल कायम रहे, इसके लिए बाबा पिछले 64 दिनो से खड़े होकर तप कर रहे हैं, जिसके कारण उनके पैर भी कठोर हो गए परन्तु उनकी परमात्मा के प्रति ऐसी लगन है कि उन्होंने प्रण किया है वह 5 वर्ष तक खड़े होकर जिंदगी व्यतीत करेंगे और कभी भी इस तपस्या को भंग नहीं होने देंगे. इसके लिये गांव के श्रद्वालुओ ने मंदिर से लगे एक स्थान पर एक विशेष चबूतरा (कुटीया)बनाया हुआ है और बाबा जी उस चबूतरे पर अपना सिर रखते है साथ एक विशेष तरह का बेल्ट भी लडकाया हुआ है जिसको वे बांध लेते है जिससे वे जमीन में ना गिर पडे. दिन के समय पर भी लकड़ी का झूला बनाकर उस पर हाथ रख कर ठहर जाते हैं. इस तपस्या के कारण दौलत गिरी बाबा के पैर सूजे हुये दिखाई देते है, वहीं उनके पैरों पर कई जख्म हुये. तप कर रहे बाबा कभी भी अपनी तपस्या भंग नहीं की और परमात्मा में विश्वास रखते हुए अपना तप जारी रखा. वे चल फिर रहे है आने वाले श्रद्धालु उनका दर्शन कर आर्शीवाद प्राप्त कर रहे है उन्होंने बताया कि वह यह तपस्या विश्व शांति के लिए कर रहे हैं और उनकी बचपन से ही प्रभु भक्ति में लगन थी.

साधना कर बिताये जीवन
महंत दौलत गिरी नागा बाबा जी कोरिया जिले के कुडेली के है जो 20 वर्ष आयु में सांसारिक मोहमाया परिवार को त्याग कर प्रयागराज चले गये वहा अपना और परिवार का पिंडदान कर जूना अखाडे में वैदिक विधि विधान और अखाडे की परंपरा अनुसार जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से दीक्षा लेकर पूर्णतया नागा महंत बनेे. बीकाम तक पढाई भी किये है माता के निधन के बाद उनका संसांरिक मोहमाया भंग हो गई थी.
शिव मंदिर के संस्थापक नंदलाल राजवाडे ने बताया कि मंदिर की नीव 20 वर्ष पूर्व रखी थी 2021 में ग्रामीणो के सहयोग से मदिर पूर्ण हुआ. मंहंत दौलत गिरी महराज को वे 4 सालो से मिलते रहे इसी दौरान उनके गांव आगमन हुआ तो वे रेणुका नदी के तट पर बने शिव जी की मंदिर को देखकर अभिभूत हो गये और वे यहा पर अभिषेक भी किये और वे खडे होकर 5 वर्षो तपस्या करने की इच्छा प्रगट किये और मेरे से संकल्प कराया गया और पुरे विधि विधान से चैत नवरात्र के प्रथम दिन ज्योति दीप प्रज्वलित कर खडे होकर तप कर रहे है सभी ग्रामीण इसमें सहयोग भी कर रहे.
