शिक्षा मंत्री के गृह जिले में….पेड के नीचे पढने को मजबूर है देश के भविष्य… ..किराया नही तो अब खुले आसमान के नीचे लग रहा है स्कुल..

राजेश सोनी/ पप्पु जायसवाल
सूरजपुर/बिहारपुर.  आज के इस आधुनिक व विकासशील दौर में किसी सरकारी स्कूल के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ यह बात आज बेमानी लगती है।पर है साहब …! ऐसा ही और तो और यह कहीं और नही बल्कि हमारे प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह जिले का यह हाल है.जहाँ के एक सरकारी स्कूल के बच्चे जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अधिकारियों के नकारापन की वजह से पेड़ के नीचे अपना भविष्य गढ़ने को विवश है. ओड़गी ब्लॉक के चौकापारा में जर्जर स्कुल भवन होने से प्राथमिक शाला  के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढने को मजबूर है. शिक्षा मंत्री के गृह जिले में कई स्कुलो के भवन है बेहाल,छतो से पानी टपकता, जर्जर स्कुल भवन, दिवारे फटी हुई है ऐसे में ही देश का भविष्य गढा जा रहा है. आदिवासी पण्डो जनजाति बाहुल्य बिहारपुर चादनी क्षेत्र के चौकापारा प्राथमिक शाला 2007 से भवन की जर्जर और खतरनाक हो चुकी है कई बार कक्षा में छत का प्लास्टर गिर चुकी है ऐसे में किराया या फिर उधारी के भवन लगाये जाते रहे. पिछले शिक्षण वर्ष में भवन खतरनाक होने के वजह से किराये के भवन में संचालित किया गया था जिसका किराया नही मिलने से अब प्राथमिक शाला मे 43 बच्चे पेड के नीचे पढने को मजबूर है जब भी बारिश होती तो स्कुल की छुटटी कर दिया जाता है. अभिभावकों व शिक्षको के द्वारा कई बार जर्जर हुये भवन की मौखिक व लिखित में जानकारी अधिकारियों को दी गई है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है

जन संवाद शिविर में पत्र दिये थे

खतरों के बीच पढते नौनिहाल, जर्जर स्कुल भवन की जानकारी विभाग को है बिहारपुर के कायाकल्प के लिये पूर्व में लगे जन संवाद शिविर में आवेदन दिये गया था तो वही क्षेत्र के विधायक पारस राजवाडे भी अवगत है लेकिन किसी ने किसी तरह का कोई पहल नही किया.

खबर छपी तो जर्जर भवन तोड दिया और भुला दिया

प्राथमिक शाला चौकापारा का जर्जर भवन की खबर 01 अक्टुबर 2021 को प्रकाशित होने पर जिला प्रशासन ने जर्जर भवन को तोड वहा पर वैकल्पिक व्यव्स्था बनाने की दावा किया गया था. लेकिन अधिकारी जर्जर भवन को तोडने के बाद भुल गये जबकि इस स्कुल में अधिकांश पंडो जनजाति के बच्चे अध्ययनरत है. पांच तक के लिये यहा पर दो शिक्षक पदस्थ है प्रधानाध्यापक एस तिर्की ने बताया स्कुल में संसाधनो का अभाव है भवन जर्जर हो चुकी है पिछले सत्र किराये के भवन में स्कुल लगाये और किराया नही पटाने पर अब पेड के नीचे स्कुल लग रहा है.

शाळा प्रवेश उत्सव की

एक तरफ शाला प्रवेश उत्सव में छात्रों को तिलक फूलो की माला,मिष्ठान खिलाकर उत्सव मनाया जा रहा है शिक्षा गुणवत्ता व्यवस्थाओ की गान किया जा रहा है तो वही दूसरी ओर दूरस्थ क्षेत्रो में शिक्षा विभाग की एसी लचर व्यवस्था है..?

वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही 

जर्जर स्कुल भवन और खुले असमान पेड़ के नीचे स्कुल लगाने पर जल्दी ही वैकल्पिक व्यवस्था बनाये जा रहे है जिससे बच्चे अध्यन कर सके-विनोद कुमार राय,जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर