पंडों महिला को जुडवा बच्चे हुये…एक की हुई मौत…..एक का मरने के इंतजार में…. जिले की स्वास्थ व्यव्स्था का हाल…

सूरजपुर. जिले के दुरस्थ क्षेत्र कोल्हुआ में पंडो जनजाति महिला को जुडवा बच्चे होने के बाद एक नवजात की हुई मौत तो वही एक नवजात की होने को है. जिसका परिजन इंतजार कर रहे है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कोल्हुआ गांव की रहने वाली पंडो जनजाति की जयकुवंर 28 वर्ष को प्रसव पीडा होने पर उसे स्वास्थ केन्द्र बिहारपुर लाया गया जहा पर उसने दो बच्चे को जन्म दिया. नवजातो की गंभीर स्थिति को देखते उसे मघ्यप्रदेश के बैढन के लिये रेफर कर दिया. गरीब लाचार परिजन 108 वाहन से बैढन जिला अस्पताल पहुचे उपचार के दौरान शुक्रवार को एक नवजात की मौत हो गई. अस्पताल कर्मियो ने दुसरे नवजात को बचाने की संभावना से इंकार करते हुये प्रसुता को अपने घर जाने की सलाह देकर अस्पताल से छुटटी कर दिया. मजुबर जयकुवंर के परिजन आज अपने एक मृत तो एक मौत के मुह में पडे नवजात को लेकर कोल्हुआ गांव पहुचे गये और परिजनो ने मृत बच्चे को दफना दिया है तो वही दुसरे अति गंभीर कमजोर नवजात का मौत का इंतजार कर रहे है. ये रही छ0ग0 सरकार की स्वास्थ सुविधा जहा पर नवजात कुपोषित बच्चो को समुचित उपचार तक नही मिल रहा. जबकि कागजो में दावे है लेकिन जमीन हकीकत कुछ और ही है.
कार्ड नही मिला
जयकुवंर ने बताया जब वह गर्भवती हुई तो उसे टीका लगाया गया इस दौरान उसका कार्ड भी बनाया गया लेकिन उसे आंगनबाडी कार्यकर्ता ने नही दिया अपने पास ही रख ली है. बच्चा अति कमजोर हुआ. इसकी क्या वजह थी और क्या रही.. यह किसी से छिपा नही. सबसे बडा सवाल यह है यह सब कब तक चलता रहेेगा… गर्भवती माताओ का पोषण आहार को कौन खा रहा. कब तक नवजातो की मौत होते रहेगी और परिजन मौत का इंतजार करते रहेगे…?