सूरजपु.। यह कैसी विडंबना है जिसे 9 माह तक गर्भ में रखा अब उसी के मौत का इंतजार कर रही एक बेबश मां….!यह कहानी उस बिहारपुर के एक पंडो जनजाति के महिला की है जिस बिहारपुर को कालापानी का नाम मिला हुआ है पर इसके इतर गत वर्ष इस नाम से मुक्ति दिलाने समूचा प्रशासन बिहारपुर में अलर्ट था लेकिन आज जो कहानी सामने आ रही उससे तो फिर ऐसा लगने लगा है कि उक्त प्रशासनिक कवायद का मुकम्मल लाभ वहां के लोगो को नही मिल पाया है।दूसरा प्रशासन के उस कवायद पर भी सवाल खड़े होने लगे है जिसमे कुपोषण को दूर करने तमाम खर्चे किये जा रहे है…?जिले के ओड़गी ब्लॉक के ग्राम कोलुहा में पंडो जनजाति की जयकुवंर 28 वर्ष को प्रसव पीडा होने पर उसे स्वास्थ केन्द्र बिहारपुर ले जाया गया जहा पर उसने दो बच्चे को जन्म दिया। नवजातो की गंभीर स्थिति को देखते उसे मघ्यप्रदेश के बैढन के लिये रेफर कर दिया गया। गरीब लाचार परिजन 108 वाहन से बैढन जिला अस्पताल पहुचे उपचार के दौरान शुक्रवार को एक नवजात की मौत हो गई।अस्पताल कर्मियो ने दुसरे नवजात को बचाने की संभावना से इंकार करते हुये प्रसुता को अपने घर जाने की सलाह देकर अस्पताल से छुटटी कर दिया। मजुबर जयकुवंर के परिजन आज अपने एक मृत तो एक मौत के मुह में पडे नवजात को लेकर कोल्हुआ गांव पहुचे गये और परिजनो ने मृत बच्चे को दफना दिया है तो वही दुसरे अति गंभीर कमजोर नवजात के मौत का इंतजार कर रहे है।सूत्रों की माने तो दोनों बच्चे बेहद कमजोर है।पर सवाल यह नही है सवाल यह है कि सरकार के उस योजना का क्या हुआ जिससे में जच्चा बच्चा के कुपोषण दूर करने लाखो रुपए प्रतिमाह खर्च किये जा रहे है।आंगनबाड़ी के साथ साथ जिलास्तर पर भी कुपोषण को दूर करने तमाम प्रयास किये गए क्या वे केवल कागजी थे या कुछ और माजरा है यह जांच का विषय हो सकता है..? आखिर गर्भवती माताओ व बच्चों का पोषण आहार को कौन खा जा रहा है और ऐसा कब तक चलता रहेगा…?
कार्ड नही मिला
जयकुवंर ने बताया जब वह गर्भवती हुई तो उसे टीका लगाया गया इस दौरान उसका कार्ड भी बनाया गया लेकिन उसे आंगनबाडी कार्यकर्ता ने नही दिया अपने पास ही रख लिया। गर्भवती माताओ का पोषण आहार को कौन खा रहा. कब तक नवजातो की मौत होते रहेगी और परिजन मौत का इंतजार करते रहेगे।
स्वास्थ्य अमला पंहुचा
सीएचएमओ डॉ आर एस सिंह के संज्ञान आने के बाद उन्होंने मैदानी अमले को पीड़िता के घर भेजा. स्वास्थ अमला बच्चे को बचाने हर सम्भव जांच कर उचित उपचार किया.डाक्टर शैलेन्द्र अग्रहरी ने बताया कि पहले से बच्चा कुछ ठीक है लेकिन उसे स्वास्थ केन्द्र में भर्ती करना आवश्यक है जो परिजन स्वास्थ केन्द्र जाना नही चाहते, फिर भी हमारी टीम अलर्ट है बराबर परिजनों के सम्पर्क में है. तो वही मौसमी बिमारियों के मददेनजर वही पास में स्वास्थ कैप लगाया गया जिसमें 40 ग्रामीणो का उपचार करने के साथ दवाईया दी गई.