रिहायशी बस्ती में फिर बाघ की धमक से डरे ग्रामीण,बाल बाल बची दो महिलाएं

पप्पू जायसवाल

बिहारपुर. जिले के बिहारपुर चाँदनी इलाके के रिहायशी बस्ती के आसपास बाघ के विचरण करने से लोग भारी दहशत में है।हफ्ते भर के अंदर यह दूसरा मौका है जब दो महिलाएं बाघ की चपेट में आने से बाल बाल बच गई।बताया गया है कि शुक्रवार की सुबह बाघ ग्राम खोहिर के रिहायशी इलाकों में देखा गया है।बताते है कि रामगढ़ की ओर से दो महिलाएं ग्राम खोहिर आ रही थी इसी दौरान उनका सामना बाघ से हो गया।जिससे घबराई महिलाओ ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू किया तो गांव के लोग मौके पर पँहुचे ओर शोर मचा कर बाघ को जंगल की ओर खदेड़ा तब कहीं जाकर उक्त महिलाओ की जान बची।पिछले हफ्ते ग्राम भुंडा में बाघ देखा गया था उस दिन भी एक आठ साल की बच्ची शिकार होते होते बची थी।लगातार बिहारपुर के रिहायशी इलाकों में बाघ के विचरण से लोग भारी दहशत में है।रात तो रात दिन में भी बाघ की आमद रफ्त ने लोगो की मुश्किल इस कदर बढा दी है कि वे जंगल क्या गांव में भी निकलने से डरने लगे है।जिससे उनके दिनचर्या पर असर पड़ रहा है।बाघ की मौजूदगी से लोगो को जानमाल का खतरा भी मंडरा रहा है परंतु वन विभाग अथवा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अफसर इस दिशा में फिक्रमंद नही दिखते जिससे लोगो मे खासी नाराजगी है। खबर तो यह भी है कि बाघ के पीछे कुछ लोग तीर धनुष लेकर घूम रहे है जिसकी वजह से बाघ खुद जान बचाने रिहायशी बस्ती की ओर आ जा रहा है।

नही पकड़े गए आरोपी…..!

अधिकारियों की लापरवाही या ध्यान न दिए जाने के कारण लोग ऐसे वन्य जीवों की हत्या भी कर देते है।पिछले दिनों इसी क्षेत्र में बाघ व तेंदुए के खाल के साथ कुछ लोगो को जबलपुर की टीम ने पकड़ा था।इस मामले का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है जबकि तीन महीने से ज्यादा का समय हो चुका है।मुख्य आरोपी के नही पकड़े जाने से न तो उक्त वन्य जीव के नाखून आदि बरामद हुए है और न ही इस बात का खुलासा हो सका है कि उक्त वन्य जीवों की हत्या कब कहाँ ओर कैसे की गई थी।वैसे सूत्र बताते है कि इस राज पर से वन विभाग भी पर्दा नही उठाना चाहता क्योंकि मामला उजगार होने से मिलीभगत का रहस्य भी खुल जायेगा।इसलिए अधिकारी भी खामोशी में ही भलाई समझ रहे है।