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बहिष्कार : सरपंच की दबंगई, परिवार पर ‘हुका-पानी बंद’ कर कराया,सामाजिक बहिष्कार

Rajesh Soni

Mon, Sep 1, 2025

न्याय की लड़ाई लड़ रहे पीड़ित को गांव से पूरी तरह बंहिस्कृत, मानसिक प्रताड़ना झेल रहा परिवार.. एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार...

रायगढ़. घरघोड़ा:- ग्राम पंचायत रूमकेरा के सरपंच की दबंगई और तानाशाही रवैये ने लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सरपंच ने एक परिवार को न केवल झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की बल्कि खुलेआम गांव में मुनादी कराकर उनका ‘हुका-पानी बंद’ और सामाजिक बहिष्कार भी करवा दिया। इससे पीड़ित परिवार सामाजिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवार ने एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सरपंच ग्राम पंचायत रूमकेरा सरपंच द्वारा मेरे घर के सामने सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके कारण मेरे घर आने-जाने का रास्ता बंद हो जा रहा है कही से रास्ता ना होने के कारण मेरे द्वारा उक्त निर्माण के विरुद्ध हाई कोट से स्थगन आदेश लाने के कारण सरपंच द्वारा मेरे और मेरे परिवार के प्रति दुर्भावना रखा जाने लागा जिसके परिणाम सरपंच द्वारा मेरे विरूध में थाने में पंप चोरी कि झूठी शिकायत का आवेदन दिया गया है, एवं सरपंच के द्वारा दिनांक 30/8/2025 को गांव में हमारा हुका पानी एवं सामाजिक बहिष्कार के साथ गांव का कोई भी व्यक्ति सबंध रखेगा, उसके ऊपर 10000 रु. का जुर्माना लगाया जायेगा ऐसा मुनादी करवाया गया है, जिसके बाद गांव का कोई भी आदमी हमसे बातचीत नहीं कर रहा है, एवं पूर्ण रूप से गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। जिसके कारण में एवं मेरा परिवार मानसिक प्रताड़ना झेल रहे है, एवं हमारा जीवन यापन दूभर हो गया है। पीड़ित ने इस मामले में उचित कार्यवाही कर न्याय की गुहार लगाई है जिससे उसका परिवार सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके।

गांव में इस तरह का ‘हुका-पानी बंद’ कर सामाजिक बहिष्कार थोपना न सिर्फ काला अध्याय है बल्कि संविधान और कानून दोनों के खिलाफ है। सवाल यह है कि जब लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम नागरिक को आवाज उठाने का हक है तो पंचायत स्तर पर तानाशाही की यह काली छाया क्यों कायम है?

बहरहाल जहां लोकतंत्र की चौपाल सजनी चाहिए, वहां आज भी सामंती फरमानों की गूंज सुनाई दे रही है। सवाल सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि इंसाफ और इंसानियत की लाज का है।

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