लचर व्यवस्था : महुली उप स्वास्थ्य केंद्र लचर व्यवस्था,स्वास्थ्यकर्मियों की मनमानी से ग्रामीण परेशान

Pappu Jayswal
Tue, Sep 2, 2025
सूरजपुर. जिले के चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के महुली उप स्वास्थ्य केंद्र की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। यहाँ पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों की मनमानी और लापरवाही से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्टाफ पदस्थ, फिर भी बंद रहता
महुली उप स्वास्थ्य केंद्र में अनिमिका तिर्की (एनएम कर्मचारी), शैलेंद्र अग्रहरी (आरएमओ) और अजीत राय (आरएचओ) जैसे स्वास्थ्यकर्मी पदस्थ हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और स्टाफ की उपस्थिति नियमित रूप से नहीं होती। ग्रामीण सुबह से लेकर दोपहर तक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचते हैं, लेकिन अधिकांश समय दरवाजा बंद ही मिलता है।
दर्जनों गाँव प्रभावित
महुली स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे बैजनपाठ, लुल्ह, खोहीर, भून्डा, तेलाईपाठ, रामगढ़, जूडवनीया, कछवारीघं, कोल्हुआ, भाटपारा, पण्डोबस्ती चोगा करौटी ए और महुली समेत दर्जनों गाँव के लोग हैं। इन पहाड़ी व दूरस्थ इलाकों के ग्रामीणों के लिए जिला मुख्यालय तक पहुँचना बेहद कठिन है।
ग्रामीणों की व्यथा
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी अपनी मनमानी से आते-जाते हैं। कभी कई दिनों तक केंद्र बंद रहता है, तो कभी घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई इलाज नहीं मिलता। गर्भवती महिलाएँ, बुजुर्ग और छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
सरकारी दावों की पोल
स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति तो की गई है, लेकिन उनकी गैर-हाजिरी और लापरवाही ने सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की हकीकत खोल दी है। “सबको स्वास्थ्य सुविधा” के नारों के बीच महुली के ग्रामीण बुनियादी इलाज से भी वंचित हैं।
ग्रामीणों की चेतावनी
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से माँग की है कि यहाँ पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और एक स्थायी डॉक्टर की तैनाती की जाए। अन्यथा वे सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।महुली उप स्वास्थ्य केंद्र की यह तस्वीर बताती है कि स्वास्थ्यकर्मी होने के बावजूद उनकी मनमानी और लापरवाही ने ग्रामीणों को बेहाल कर रखा है। अब सवाल यह है कि प्रशासन कब जागेगा और कब पहाड़ी अंचल के लोगों को नियमित स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी?
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