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लाइट,कैमरा,एक्शन : जनदर्शन में लापरवाही, शिकायत के बाद शुरू औपचारिकता मात्र...

Rajesh Soni

Tue, Sep 2, 2025

सूरजपुर. जनदर्शन जैसी जनहितकारी व्यवस्था अब अफसरों के दिखावे और औपचारिकता की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। बीते सोमवार को जनदर्शन नहीं लगने की शिकायत जब कलेक्टर से की, तो प्रशासन हरकत में आया। फिर शुरू हुआ लाइट कैमरा एक्शन की फार्मेलटी। जिसकी फोटो शोसल मीडिया में अपलोड है। आनन-फानन में नायब तहसीलदार प्रियंका टोप्पो आनन-फानन में जनदर्शन कक्ष पहुँचीं, कुर्सी संभाली और आवेदन लेने लगीं।

सोशल मीडिया पर चमकाई तस्वीर

नायब तहसीलदार ने जनदर्शन के दौरान फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया ग्रुपों में शेयर किया और मोबाइल स्टेटस लगाकर यह संदेश देने की कोशिश की कि सब कुछ तय समय पर ही संचालित हुआ। लेकिन आम जनता इतना बेवकूफ नही है जितना वे समझती है। उनकी तस्वीरें और जमीनी हकीकत में बड़ा है।

ग्रामीण मायूस होकर लौटे.

डालाबहरा निवासी अनिल बसोर अपने पुत्र की दाखिल-खारिज में जन्मतिथि सुधार का आवेदन लेकर जनदर्शन पहुँचे थे। लेकिन दफ्तर बंद देख वे मायूस होकर लौट गए। इससे साफ है कि जिस समय ग्रामीण मदद की उम्मीद से आए, उस वक्त जनदर्शन कक्ष सूना पड़ा था।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा

अब जिला प्रशासन पूरी तरीके से लाइट कैमरा एक्शन वाली हो गई है। जिसमे जिला प्रशासन खुद के चेहरों की चमकाने में लगी है जबकि प्रशासनिक व्यवस्था का हाल बेहाल है। ग्रामीणों ने व्यवस्था पर जमकर सवाल खड़े किए,अफसर फोटो खिंचवाने और सोशल मीडिया में डालने में रुचि रखते हैं, लेकिन जनता की समस्या सुनने का समय नहीं है। जनदर्शन जनता के लिए है या अफसरों की इमेज चमकाने का जरिया बन गया है। शिकायत होने पर ही अधिकारी कुर्सी संभालते हैं।

सवालों के घेरे में जनदर्शन

ग्रामीणों की नाराज़गी से यह साफ हो गया है कि जनदर्शन अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जनदर्शन सिर्फ फोटो और दिखावे तक सीमित रहेगा क्या ग्रामीणों की समस्याएँ इसी तरह अनसुनी रह जाएँगी। तथा प्रशासन जनता की बजाय सोशल मीडिया को खुश करने में ही व्यस्त है...??

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