हाथियों का कहर : 12 किसानों की धान की फसल चौपट, ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी...
Pappu Jayswal
Sat, Oct 25, 2025
सूरजपुर. जिले के चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छतरंग बड़वार गांव में एक बार फिर जंगली हाथियों का आतंक देखने को मिला है।जानकारी के अनुसार, लगभग 15 हाथियों के झुंड ने गांव के खेतों में घुसकर 12 किसानों की धान की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।यह झुंड लगातार कैलाशनगर और बिहारपुर वन परिक्षेत्र के जंगलों के बीच विचरण कर रहा था और बीती रात छतरंग की ओर बढ़ गया।ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का झुंड रात करीब 11 बजे गांव के खेतों में दाखिल हुआ। पहले खेतों में कुछ हलचल सुनाई दी, फिर अचानक हाथियों का पूरा दल फसलों पर टूट पड़ा। ग्रामीणों ने टीन के डिब्बे और मशाल जलाकर उन्हें भगाने की कोशिश की, लेकिन हाथियों के झुंड ने किसी की नहीं सुनी।करीब दो घंटे तक हाथियों ने खेतों में उत्पात मचाया, जिसके बाद वे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छतरंग क्षेत्र के जंगल में चले गए।
वन विभाग रेंजर मेवा लाल पटेल ने जानकारी दी —“छतरंग बड़वार वन क्षेत्र में 15 हाथियों का दल सक्रिय है। अब तक 12 किसानों की फसल को नुकसान की पुष्टि हुई है। हमारी टीम मौके पर लगातार गश्त कर रही है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।”
किसानों की महीनों की मेहनत पर फिरा पानी
हाथियों के झुंड द्वारा की गई तबाही से छतरंग, बड़वार और आसपास के गांवों के किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने पूरे वर्ष की मेहनत से फसल तैयार की थी, लेकिन कुछ ही घंटों में सब बर्बाद हो गया।
स्थानीय किसान ने बताया कि हाथियों ने खेतों में लगे धान को पूरी तरह रौंद दिया है, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।किसानों ने प्रशासन और वन विभाग से त्वरित मुआवजे की मांग की है।
वन विभाग अलर्ट मोड पर
वन विभाग ने बताया कि यह झुंड कैलाशनगर और बिहारपुर वन परिक्षेत्र के बीच कई दिनों से घूम रहा है।विभाग की टीमों को सतर्क रहने और ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।रेंजर ने यह भी कहा कि हाथियों को जंगल की ओर वापस मोड़ने के लिए वन कर्मियों की ड्यूटी लगातार लगाई गई है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
गांव के लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हाथियों की आवाजें सुनाई दे रही थीं, लेकिन बीती रात उन्होंने पहली बार इतने करीब से उन्हें देखा।
कई घरों में लोग पूरी रात जागकर सुरक्षा में जुटे रहे।
ग्रामीणों ने वन विभाग से रात्रि गश्त बढ़ाने और स्थायी समाधान की मांग की है ताकि हर साल होने वाली इस समस्या से निजात मिल सके।
स्थायी समाधान की मांग
किसानों का कहना है कि हर साल धान पकने के मौसम में यही स्थिति बनती है। हाथियों के हमले से जहां फसलों का नुकसान होता है, वहीं ग्रामीणों की जान को भी खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार को हाथी प्रभावित इलाकों में स्थायी बैरियर, चेतावनी तंत्र और क्षतिपूर्ति की पारदर्शी व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
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