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अजब-गजब : शिक्षक ने स्कूल में किताबों की कमी को लेकर शिक्षा व्यवस्था पर उठाया सवाल, DEO ने कर दिया निलंबन.

Rajesh Soni

Fri, Nov 7, 2025

छत्तीसगढ़. धमतरी जिले के एक सहायक शिक्षक को अपने स्कूल में बच्चो के भविष्य की चिंता करने पर उसे निलंबन कर दिया गया है।शिक्षक का कसूर इतना था कि स्कूल में बच्चो को पढ़ने के लिए किताबे नही पहुँची और हम राज्य स्थापना दिवस का उत्सव मना रहे है। जब तक बच्चो को पूरा पुस्तकें नही मिल जाती सहायक शिक्षक से लेकर BEO, DEO, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री का वेतन रोक देना चाहिए। शिक्षक ने इतना लिखकर अपना स्टेटस लगा दिया।जिस पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेते हुए सहायक शिक्षक ढालू राम साहू को निलंबन कर दिया। निलंबन की कार्यवाही होने से शिक्षक संगठन ने आक्रोशित हो गए और जिला शिक्षा अधिकारी का घेराव करने पहुँचे और बहाली को लेकर जमकर हंगामा करते रहे।घण्टो चले हंगामा के बीच बहाली के आश्वासन मिलने के बाद मामला शांत हुआ।शिक्षा विभाग ने एक ऐसे शिक्षक को निलंबित कर दिया जिसने राज्योत्सव की चमक-दमक के बीच शिक्षा व्यवस्था की हकीकत दिखा दी।बताया जा रहा है कि कुरूद ब्लॉक के ग्राम नारी प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक ढालू राम साहू ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के रवैये पर टिप्पणी की थी। विभाग ने इस पोस्ट को शासन के कार्यों के विरुद्ध मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी किया।निलंबन आदेश में कहा गया कि संबंधित शिक्षक ने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप्प है और हम चले राज्योत्सव मनाने जैसी टिप्पणी कर शिक्षिकीय आचरण का उल्लंघन किया है।

छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है लेकिन इस कार्रवाई के बाद कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं क्या किसी सरकारी कर्मचारी को अपने क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने का अधिकार नहीं है? क्या स्कूल में बच्चों को किताबें न मिलना शासन विरोधी टिप्पणी कहलाएगा या व्यवस्था की सच्चाई? शिक्षा अधिनियम 2005 के अनुसार, हर बच्चे को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है इस अधिनियम के तहत सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म और अध्ययन सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. जिले के कई स्कूलों में अब तक पुस्तक वितरण अधूरा है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है यह वही समस्या है।वही शिक्षक के ऊपर निलंबन की कार्यवाही से शिक्षक संगठन आक्रोशित हो गए और DEO कार्यालय पहुँचकर शिक्षक ढालू राम की बहाली को लेकर घण्टो हंगामा किया।शिक्षक संगठन ने साफ कहा था अगर बहाली नही होगी तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। वही जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने के बाद शिक्षक संगठन ने अपनी बाते रखी काफी देर तक चले बातचीत के बाद ये जिला शिक्षा अधिकारी ने ये निर्णय लिया कि निलंबन ढालू राम साहू को वापस बहाल किया जाएगा इस आश्वासन मिलने के बाद मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि स्कूल खुले लगभग 5 महीने बीत गए लेकिन स्कूलों में किताबों की कमी बनी हुई है जिससे स्कूल बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही है अब शिक्षक ने स्कूल मे पुस्तकें की कमी पर सवाल उठाया तो उस निलंबन का डंडा चल गया।ऐसे में अब शिक्षक करे तो करें क्या.?बहुत से सवाल है जिस पर सरकार को भी स्कूलों की व्यवस्था पर सोचना चाहिएताकि बच्चो की पढ़ाई में कोई कमी न हो।

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